We are all INDIAN before a Hindu, Muslim, Sikh aur Isai or a Bihari, Marathi, Bengali etc. Love to all human being........
गुरुवार, 24 अप्रैल 2014
हम तेरे काबिल नहीं
अरमानों के दिए
दिल में जलते रहे
मोहब्बत की राहों में
हम तन्हा चलते रहे
तेरे ही हाथों बार-बार
मेरे दिल के टुकडे होते रहे
बेजार होकर भी मगर
खुद से यही कहते फिर रहे
हम तेरे काबिल नहीं ।। 1 ।।
मोहब्बत के फसाने
दिल में दफन होते रहे
तेरी यादों के नगमें
मुझ पर सितम करते रहे
तेरी बेरहमी से हम
टूट-टूटकर बिखरते रहे
बेजार होकर भी मगर
खुद से यही कहते फिर रहे
हम तेरे काबिल नहीं ।। 2 ।।
जख्मों को दिल से लगाए
सिसक-सिसक कर रोते रहे
अपने जीवन से दूर जाते हुए
बेबस तूझे देखते रहे
मेरी मोहब्बत को सरेआम
तुम ही रूसवा करते रहे
बेजार होकर भी मगर
खुद से यही कहते फिर रहे
हम तेरे काबिल नहीं ।। 3 ।।
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