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सर्वश्रेष्‍ठ कार्मिक की उपलब्धि और उच्‍चस्‍तरीय अपेक्षाएं

विगत 26 नवम्‍बर, 2011 को प्रयोगशाला के स्‍थापना दिवस समारोह के शुभ अवसर पर मुझे इस प्रयोगशाला के सर्वश्रेष्‍ठ कार्मिक के पुरस्‍कार से नवाजा गया। मेरे लिए इस उपलब्धि को पाना वाकई एक अविस्‍मरणीय क्षण था। इस पुरस्‍कार की प्राप्ति में मेरे अनुभाग अधिकारी श्री राजेश कुमार सिंह रौशन जी का महत्‍वपूर्ण योगदान रहा। उनके उच्‍च कोटि के  दिशानिर्देश तथा भविष्‍यदर्शी विचारों का ही परिणाम रहा कि मैं इस पुरस्‍कार के काबिल बन पाया। आज मैं जो कुछ भी हॅूं तो सिर्फ उनके दिशानिर्देश तथा भविष्‍यदर्शी विचारों के परिणामस्‍वरूप ही। मुझे याद है जब मैं वर्ष 2008 के सितम्‍बर माह में दुर्गापुर से स्‍थानांतरण के पश्‍चात इस प्रयोगशाला में अपना कार्यभार ग्रहण किया था, उस समय मेरी तैनाती प्रशासनिक सचिवालय में हुई थी। कुछ ही महीनों के बाद नवम्‍बर, 2011 में मेरी तैनाती इस प्रयोगशाला के बिल अनुभाग/स्‍थापना-4 अनुभाग में कर दी गयी थी जिनके अनुभाग अधिकारी श्री रौशन जी ही थे। मैं दुर्गापुर से इस प्रयोगशाला में हालांकि 2 वर्ष का अनुभव प्राप्‍त कर यहां आया था मगर प्रशासनिक कार्य के नाम पर मेरे पास किसी प्रकार का कोई कार्य अ

जीवन मृत्यु : एक कटु सत्य

दिनांक 24 नवम्‍बर की रात 11 बजे के करीब मैं जमशेदपुर वापस आया हॅूं। बीता एक सप्‍ताह मेरे जीवन का न भूलने वाला समय रहा।  इस दौरान वह सब कुछ हुआ जिसकी कल्‍पना मैंने कभी नहीं की थी। दिनांक 18 नवम्‍बर के दोपहर 3 बजे के करीब मुझे मेरे ससुराल वालों की तरफ से यह जानकारी दी गयी कि मेरा बडा साला दीपक जो कि वर्तमान में पुणा के किसी मल्‍टीनेशनल कम्‍पनी में साफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत था, वह गोवा में दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया है तथा आईसीयू में एडमिट है। मैं तुरंत ही बिष्‍टुपूर स्थित अपने ससुराल पहुंचा तो मुझे विस्‍तार से जानकारी दी गयी कि दीपक तथा उसके कई अन्‍य पुराने साथी संगी अलग-अलग जगहों से मिलने जुलने के लिए गोवा गए थे जहां समंदर में नहाने के दौरान हादसा हुआ और वह आईसीयू में गंभीर अवस्‍था में एडमिट हैा  यह जानकारी गोवा से उसके दोस्‍तों ने ही फोन द्वारा मेरे ससुराल में दी गयी थी। अचानक हुए इस अप्रिय वारदात ने मेरे ससुराल के लोगों को मानसिक आघात पहुंचा दिया था। आनन फानन में कोलकाता से मुंबई होते हुए गोवा के हवाई मार्ग का टिकट कटाया गया तथा रात के 1 बजे मैं अपने ससुर जी तथा छोटा सा

सी एम ई आर आई, दुर्गापुर क्रिकेट टीम को बधाई

----------------------------------------------------- एसएसबीएमटी 2007 का यादगार ग्रुप फोटो ----------------------------------------------------- बीते दिनों नई दिल्‍ली में आयोजित हुए एसएसबीएमटी जोनल आउटडोर क्रिकेट टूर्नामेंट में सीएमईआरआई, दुर्गापुर की क्रिकेट टीम ने अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए फाइनल टूर्नामेंट के लिए क्‍वालीफाइ्र कर लिया है। मेरे तरफ से पूरे क्रिकेट टीम तथा इससे जुडे प्रबंधक महोदय तथा सचिव महोदय को बहुत बहुत बधाई। वर्तमान में एसएसबीएमटी टूर्नामेंट जिसका स्‍तर काफी उच्‍च कोटी का है ऐसे में फाइनल के लिए टीम का क्‍वालीफाई करना अपने आप में एक महत्‍वपूर्ण उपलब्धि है। मुझे अच्‍छे से याद है कि वर्ष 2007 में जब मैं खुद इस क्रिकेट टीम को एक सदस्‍य बना था। कैसे उस समय प्रशासन के भर्ती अनुभाग के अनुभाग अधिकारी श्री सुप्रकाश हलदर जी ने एक अच्‍छी टीम बनाने के लिए क्‍या कुछ प्रयास किए थे। सुबह सुबह सबके घर के दरवाजे-दरवाजे जाकर उसे उठाकर क्रिकेट ग्राउंड पहुंचने के लिए प्रेरित करना। नेट पर अभ्‍यास के दौरान क्रिकेट से जुडी बारीकियों को समझाना। लीग मैच खेल रहे युवाओं के साथ मैच की