गम की आंधी में उम्मीदों का चिराग जलने दो आज जिस बेइंतहा मोहब्बत में हो चुका ये दिल बर्बाद उस मासूम नजर पर एतबार करने दो आज गम की आंधी में उम्मीदों का चिराग जलने दो आज नजरें फेर कर हमसे जो तडपता छोड गई थी उस कातिल जिगर का इंतजार करने दो आज गम की आंधी में उम्मीदों का चिराग जलने दो आज जिसको पाने की आरजू में छूटती गई जीवन की डोर उस संगदिल मुस्कुराहट का दीदार करने दो आज गम की आंधी में उम्मीदों का चिराग जलने दो आज दम घुंटता जा रहा इस बेदर्द जहां की वादियों में फिर से एकबार अपनी मोहब्बत का इकरार करने दो आज गम की आंधी में उम्मीदों का चिराग जलने दो आज
We are all INDIAN before a Hindu, Muslim, Sikh aur Isai or a Bihari, Marathi, Bengali etc. Love to all human being........