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दिसंबर, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बीते कल की याद............

मेरा बचपन जमशेदपुर शहर के टाटानगर रेलवे स्‍टेशन से लगभग 1.5 कि.मी. दूर बागबेडा रेलवे कॉलोनी, लालबिल्डिंग में बीता। मेरी पैदाइश 3 मार्च, वर्ष 1978 से लेकर 1998-99 तक मैं यहां रेलवे के अतिक्रमित जगह पर बनाए गए घर में अपनी जिंदगी गुजारी है। बचपन से हमें पानी के लिए कुंए पर आश्रित रहना पडा है। कुएं की जिंदगी बहुत ही सुखद रही है। कितना अदभुत एहसास होता है जब रस्‍सी लगे बाल्‍टी को नीचे डाला और कुछ देर की मेहनत के बाद एक भरी बाल्‍टी पानी आपके हाथों में। पानी के लिए दूसरे अन्‍य विकल्‍प यथा हैंडपम्‍प की तुलना में कुएं से पानी लेना बहुत ही आसान होता है। कुएं से पानी निकालते समय हमेशा यही ध्‍यान में रहता था कि कुएं का पानी बचाना है ताकि गर्मियों में कोई दिक्‍कत नहीं हो। पानी बचाने की यही मानसिकता मेरी आज भी जेहन में कैद है। आज जबकि मैं सरकारी आवास में रह रहा हॅूं तथा आवास में नल के द्वारा पानी सप्‍लाई की जाती है। आज भी जब कभी मैं नहाने जाता हॅूं तो मैं बाल्‍टी में पानी भरकर अपने पुराने दिनों को याद करने लगता हॅूं जब एक एक बाल्‍टी पानी के लिए कितनी मशक्‍कत करनी पडती थी और पानी भरने के बाद उसका उप

मुक्ति-बंधन

लगभग 14 वर्षों के वनवास के बाद एक मां कमला देवी की कोख ने पहले संतान के रूप में अपने कुल-दीपक को जन्‍म दिया। पति श्री ओम प्रकाश राय सीआरपीएफ में कार्यरत थे तथा दो भाईयों में छोटे थे। पत्‍नी कम पढी लिखी थी तथा उत्‍तर प्रदेश के गाजीपुर जिला के रेवतीपुर गांव में रहती थी। बचपन से अपने पुत्र को उच्‍च शिक्षा देने तथा अच्‍छा मुकाम हासिल करने की ललक में उस पिता ने अपने कुल-दीपक जिसका नाम दीपक ही रखा था, उसे लगभग 4 वर्ष की ही अबोध उम्र में अपने बडे भाई श्री अरुण कुमार राय, जो कि जमशेदपुर स्थित टाटा स्‍टील की नौकरी कर रहे थे, उनके हाथों सुपुर्द कर दिया। उनके इस फैसले के पीछे काफी बडा बलिदान छिपा हुआ था। अपने कुल के चिराग को बेहतर शिक्षा देकर उसे अपने पैरों पर खडा करके अपने कुल का नाम रौशन करने की ललक ही थी जिसने मां की ममता और पिता के दुलार से वंचित करते हुए उसे यशोदा रूपी मां उर्मिला देवी की गोद में बाल्‍यावस्‍था में ही सौंप दिया। उस समय उर्मिला की अपनी तीन बेटियां ही थी। पुत्र के रूप में दीपक को पाकर वह धन्‍य धान्‍य से परिपूर्ण हो गई थी। इधर एक देवकी रूपी मां कमला देवी पुत्र के विरह में इस इ