पिछले दिनों जमशेदपुर पूरी तरह से अस्त व्यस्त रहा। अपराधी पूरी तरह से बेखौफ होकर अपना काम करते रहे। प्रशासन इनके आगे बेबस - असहाय नज़र आ रहा है। मुखबिरी पर पकड़ नहीं होने के कारण ही ये स्थिति बनती जा रही है। मेरा निम्नलिखित सुझाव हैं जिससे मुझे लगता है कि अमल में लाने पर जमशेदपुर में आपराधिक गतिविधियाँ जरुर से जरुर कम होंगी : लगभग सभी चाक चौराहों पर वाहनों की चेकिंग सही तरीके से होनी चाहिए। ज्यादातर चेकिंग सिर्फ पैसे उगाहने के लिए की जाती हैं, जिस पर अंकुश तभी लग सकता है, जब उच्च अधिकारी स्वयं इसका निरीक्षण करें। सभी थानों में कंप्यूटर और हाई स्पीड इन्टरनेट कनेक्शन होने चाहिए और सभी थाने एक-दुसरे से इंट्रानेट से जुड़े होने चाहिए। थानों के सभी प्रकार के रिकॉर्ड कंप्यूटर में होने चाहिए। वक्त वक्त पर थानों की निगरानी उच्च अधिकारिओं द्वारा स्वयं करनी चाहिए। वर्तमान में यातायात पुलिस भ्रस्ताचार की सभी सीमायों के पार जा रहा है, इस पर नियंत्रण करने की अति शीघ्र जरुरत है। उच्च अधिकारिओं को यातायात पुलिस के जवानों को अनुशासन का पाठ पठाने की जरुरत है ताकि वे अपनी पाकेट भरने का काम छोड़कर यातायात सँभा
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