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धिक्कार है तूझपे

जिस माता ने तूझे जन्म दिया उसकी गोद में बैठकर दुश्मनों की जय जयकार करते हो धिक्कार है तूझपे, धिक्कार है तूझपे जिसकी छाती पर, गुजारा तूने अपना बचपन उस माटी को कलंकित करते हो धिक्कार है तूझपे, धिक्कार है तूझपे देश की आस्था पर हमला करवाकर जिसने आतंकवादियों का साथ दिया उसको शहीद बताकर, शहीदों का अपमान करते हो धिक्कार है तूझपे, धिक्कार है तूझपे देश के भविष्य तुम, देश के तुम कर्णदार ऐ कैसी अभिव्य्क्ति तेरी, जिससे समूचा देश हो शर्मसार ऋषि-मुनियों की यह पवित्र भूमि जिससे पूरा विश्व हुआ आलोकमय उसी जमीं पर ऐसी, विकृत मानसिकता रखते हो धिक्कार है तूझपे, धिक्कार है तूझपे छात्र जीवन होता बडा संयमित दार्शनिक-सा विचार होता बाल-सुलभ सा व्यवहार होता निश्छल-सा स्वभाव होता छात्र नाम को लांछित करके क्यों देशद्रोही साजिश रचते हो धिक्कार है तूझपे, धिक्कार है तूझपे सहिष्णु हैं सदभाव हैं, हर धर्म के प्रति आदर भाव है न जाने क्यों फिर कट्टरपंथी बनकर गांधी की इस तपो‍भूमि को हिंसात्मक नारों से उद्वेलित करते हो धिक्कार है तूझपे, धिक्कार है तूझपे ................................................परमार्थ सुमन

Jawahar Lal University - aim

आज मैं जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी के वेबसाइट के हिन्‍दी संस्‍करण के मुख्‍य पृष्‍ठ http://www.jnu.ac. in/Hindi/  पर दिए गए कुछ अंश यहां प्रस्‍तुत कर रहा हूँ - ........................................................................................................ ........................................................... "विश्‍वविद्यालय का उद्‍देश्य मानवता, सहनशीलता, तर्कशीलता, चिन्तन प्रक्रिया और सत्य की खोज की भावना को स्थापित करना होता है। इसका उद्‍देश्य मानव जाति को निरन्तर महत्तर लक्ष्य की ओर प्रेरित करना होता है। अगर विश्‍वविद्यालय अपना कर्तव्य ठीक से निभाएं तो यह देश और जनता के लिए अच्छा होगा।" विश्‍वविद्यालय के उद्‍देश्य हैं : - अध्ययन, अनुसंधान और अपने संगठित जीवन के उदाहरण और प्रभाव द्वारा ज्ञान का प्रसार तथा अभिवृद्धि करना। उन सिद्धान्तों के विकास के लिए प्रयास करना, जिनके लिए जवाहरलाल नेहरू ने जीवन-पर्यंत काम किया। जैसे - राष्‍ट्रीय एकता, सामाजिक न्याय, धर्म निरपेक्षता, जीवन की लोकतांत्रिक पद्धति, अन्तरराष्‍ट्रीय समझ और सामाजिक समस्याओं के प्रति वै

JNU men deshdroh sajish

जे.एन.यू जैसे विश्वविख्यात विश्वविदयालय में जो कुछ पिछले दिनों घटित हुआ वह घटनाक्रम वाकई सोचने को विवश करने वाला है। इसी विश्वविदयालय के कुछ छात्रों के समूह द्वारा पूरे देश को शर्मसार करने वाला वीडियो वायरल होने के बाद हम सभी यह सोचने को बाध्य हैं कि आखिरकार क्यों इनके द्वारा एक ऐसे आतंकी का महिमामंडन करते हुए न सिर्फ उसके लिए नारे लगाए गए बल्कि देशविरोधी नारे भी लगाए गए। एक आतंकी के लिए इस तरह का प्रचार किया गया जैसे कि उसने देश की आजादी में अपने प्राण न्योछावर करते हुए शहा दत पाई हो जबकि सच्चाई तो यही है कि देश के मंदिर कहे जाने वाले संसद पर आतंकवादी हमला करने में इस शख्‍स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। शिक्षा के मंदिर में अपना भविष्य संवारने के लिए आए कुछ छात्रों द्वारा जो इस तरह के अनैतिक कार्य किए गए इससे न सिर्फ हिन्दुस्तान में अपितु पूरे विश्वय में इस विश्वविदयालय की गरिमा तार-तार हुई है । पिछले दिनों सहिष्णुता के नाम पर पूरे हिन्दुस्तान में बवाल काटा गया जिसकी परिणिती में कई सारे जाने माने लोगों ने तो अपने-अपने अवार्ड तक सरकार को वापस किए तथा कईयों ने भारत सरकार पर क