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मई, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

नक्सलवाद नहीं आतंकवाद

विगत कई महीनों से नक्सल वादियों द्वारा किये जा रहे आतंककारी क़दमों ने समूचे हिन्दुस्तान को हिला कर रख दिया है। चाहे वो छत्तीसगढ़ में CRPF पर किया गया हमला हो या फिर झारग्राम में पिछले कई दिनों से ट्रेनों पर किये जा रहे हमले हों, इन सब को देखते हुए वर्तमान परिदृश्य में नक्सली को आतंकवादी कहना गलत नहीं होगा। नक्सल वादियों ने अपने कृकृत्य से अपने आप को हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा दुश्मन बना लिया है। हालात तो ऐसे हैं कि आज हमे पकिस्तान और आतंकवादियों से भी कई गुना खतरा अपने ही मुल्क के अपने ही लोग नक्सलवादियों से है। अब तो जरुरत है श्रीलंका के द्वारा अपने मुल्क के अन्दर आतंक कारी गतिविधियों के खाते का अनुसरण करने की। पानी अब सर के ऊपर जा चूका है और हमे अब जरुरत है अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने की। अब नक्सल आन्दोलन पर पूरी तरह नकेल कसने की जरुरत है इसके लिए हमें अपने आर्मी, नेवी और एयर फौर्स को इसकी जिम्मेदारी दे देनी चाहिए।

गोलमुरी थाना और अपनों को बहुत-बहुत धन्यवाद.

मेरी हीरो होंडा motorcycle जो कि 20 अप्रैल 2010 को रात के लगभग 08.30 से 9 बजे के बीच tinplate Reliance फ्रेश के सामने से चोरी हो गयी थी उसे 6 मई 2010 को गोलमुरी थाना द्वारा recover कर लिया गया और इस चोरी में शरीक चोर को हवालात भेज दिया गया। इसके लिए मैं अंतर मन से गोलमुरी थाना और प्रशासन से जुड़े सभी अधिकारीयों और कार्मिको का धन्यवाद देता हूँ। मेरे उपर्युक्त गाड़ी चोरी के सन्दर्भ में गोलमुरी थाना द्वारा उठाये गए क़दमों का मैं शुक्रिया अदा करता हूँ। इस मामले में मैं विशेषकर गोलमुरी थाना में तैनात और मेरे मामले के जाँच अधिकारी श्री K P Singh जी का आतंरिक रूप से आभार प्रकट करता इसके साथ साथ पूरे गोलमुरी थाना के स्टाफ सदस्यों के प्रति भी मैं अपना आभार प्रकट करता हूँ। मैं उन सभी दोस्तों, परिवार के सदस्यों, सहकर्मियों के प्रति अपना आभार प्रकट करता हूँ जिन्होंने मेरे इस दुःख भरे समयमें अपना शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से मुझे सहयोग दिया या देने की कोशिश की। अंत में मैं माननीय विधायक श्री Banna Gupta Jee के प्रति अपना तहे दिल से आभार प्रकट करता हूँ जिन्होंने मेरे मामले में अपनी रुचि दिखाई और

मेरी किस्मत और हमदर्दों का साथ

आज काफी दिनों के बाद समय निकालकर अपने ब्लॉग पर कुच्छ लिखने बैठा हूँ। पिछले महीने मेरे जीवन में काफी उतार चड़ाव आये। मैं २० अप्रैल २०१० का दिन कभी भी भूल नहीं सकता। एक तरफ ख़ुशी और दूसरी तरफ गम। दोनों का तालमेल एक साथ एक दिन वो दिन था २० अप्रैल २०१०। दोपहर के ३ बजे के करीब मुझे LTC अग्रिम का पैसा ऑफिस से मिला और मैंने तुरंत ही इन्टरनेट से IRCTC द्वारा टाटानगर से जम्मू जाने और वापस आने के लिए ट्रेन का ticket कटा लिया। ticket को देखने पर मैंने ये पाया कि सारी की सारी ticket उपर बर्थ की थी। तुरंत मैंने उस ticket को कैंसल कराया और पैसे लेकर टाटानगर रेलवे स्टेशन चला गया और वहां से ticket का reservation कराया। मेरे अनुरोध पर मुझे जाने और वापस आने के ticket में एक ticket lower बर्थ का मिल गया। मेरे जम्मू जाने की जानकारी मैंने अपने माँ के घर जाकर माँ और छोटे भाई को दिया और फिर अपनी बहन के ससुराल जाकर अपनी बहन को दिया और फिर अपने घर गोलमुरी वापस आते समय लाल बिल्डिंग स्थित मोटर मेकानिक को अपनी हीरो होंडा के key को बदलने के लिए आने वाले शनिवार को उसके पास आने की बात कही और वापस अपने घर करीब 7. 30