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जून 16, 2014 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

तेरी आशिक़ी

बेरहम दुनिया के अनजान रास्‍ते तनहाई भरे सफर में खुद को तलाशते पूछता है दिल , अब कौन है अपना हकीकत के आईने में अब टूट गया सपना पूछता है दिल , अब कौन है अपना ।।1।।   बेवफाओं की मंडी में वफा की कहानी तूझसे मोहब्‍बत करके क्‍यों की नादानी मोहब्‍बत की राहों में अब खुद को संभालते पूछता है दिल , अब कौन है अपना जख्‍म दिल के अब खुद ही है सहना पूछता है दिल , अब कौन है अपना ।।2।।   तेरी आशिकी में बीताए लम्‍हें लगने लगे हैं अब मुझको बेमानी बेबस निगाहों में अब सूखे समन्‍दर सा पानी पूछता है दिल , अब कौन है अपना छूट गया है अब तेरी गलियों से भी गुजरना पूछता है दिल , अब कौन है अपना ।।3।।