बेरहम दुनिया के अनजान रास्ते
तनहाई भरे सफर में खुद को तलाशते
पूछता है दिल, अब कौन है अपना
हकीकत के आईने में अब टूट गया सपना
पूछता है दिल, अब कौन है अपना
।।1।।
बेवफाओं की मंडी में वफा की कहानी
तूझसे मोहब्बत करके क्यों की नादानी
मोहब्बत की राहों में अब
खुद को संभालते
पूछता है दिल, अब कौन है अपना
जख्म दिल के अब खुद ही है सहना
पूछता है दिल, अब कौन है अपना
।।2।।
तेरी आशिकी में बीताए लम्हें
लगने लगे हैं अब मुझको बेमानी
बेबस निगाहों में अब
सूखे समन्दर सा पानी
पूछता है दिल, अब कौन है अपना
छूट गया है अब तेरी गलियों से भी गुजरना
पूछता है दिल, अब कौन है अपना
।।3।।