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जनवरी 16, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जमशेदपुर का नया सवेरा

आज सुबह मैं काफी देर से उठा कारण शनिवार होने के कारण आज ऑफिस बंद थी। मेरी पत्नी हर दिन की तरह ही आज का अखबार लेकर आई, मैं हर दिन की तरह ये सोचकर कि फिर फ्रंट पेज पर कोई कत्ले आम या फिर किसी पर जानलेवा हमले की खबर छपी होगी। इसी अनिष्ट की आशंका से मैंने आज अखबार को लेकर फ्रंट पेज के बदले अन्दर के पृष्ठों को पढ़ना आरम्भ किया। तक़रीबन ३० ४० मिनट के बाद हिम्मत करके फ्रंट पेज को अपने नज़र के सामने किया तो मेरी नज़र बन्ना के "मिशन कचड़ा" से बवाल पर जाकर टिक गयी। हालाँकि नेताओं के समाचारों से मैं नज़र चुराता फिरता हूँ किन्तु इस समाचार का हेडिंग और इसमें दिए गए तस्वीर ने मुझे इसे पढने को बाध्य कराने दिया। .. इसे पढ़कर व्यक्तिगत रूप मुझे ये एहसास हुआ कि यदि नगरपालिका के कर्मचारी अपने अपने काम समय रहते करें तो जमशेदपुर में जो गंदगी का अम्बार जहाँ तहां फैला है वो नहीं रहेगा। आज जमशेदपुर में टिस्को एरिया को छोड़ दें तो जुगसलाई, मानगो आदि इलाको की स्थिति बदतर से बदतर है सिर्फ नगरपालिका के गैर जिमेदाराना रवैये के कारण। एक MLA का इस समस्या को दूर करने के प्रति समर्पित होना और खुद गन्दगी को उठाकर