शनिवार, 29 मई 2010

नक्सलवाद नहीं आतंकवाद

विगत कई महीनों से नक्सल वादियों द्वारा किये जा रहे आतंककारी क़दमों ने समूचे हिन्दुस्तान को हिला कर रख दिया है। चाहे वो छत्तीसगढ़ में CRPF पर किया गया हमला हो या फिर झारग्राम में पिछले कई दिनों से ट्रेनों पर किये जा रहे हमले हों, इन सब को देखते हुए वर्तमान परिदृश्य में नक्सली को आतंकवादी कहना गलत नहीं होगा।
नक्सल वादियों ने अपने कृकृत्य से अपने आप को हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा दुश्मन बना लिया है। हालात तो ऐसे हैं कि आज हमे पकिस्तान और आतंकवादियों से भी कई गुना खतरा अपने ही मुल्क के अपने ही लोग नक्सलवादियों से है।
अब तो जरुरत है श्रीलंका के द्वारा अपने मुल्क के अन्दर आतंक कारी गतिविधियों के खाते का अनुसरण करने की। पानी अब सर के ऊपर जा चूका है और हमे अब जरुरत है अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने की।
अब नक्सल आन्दोलन पर पूरी तरह नकेल कसने की जरुरत है इसके लिए हमें अपने आर्मी, नेवी और एयर फौर्स को इसकी जिम्मेदारी दे देनी चाहिए।