सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

अक्तूबर, 2009 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मुलाक़ात (पहली और आखिरी) - एक सच्ची मोहब्बत की अनकही सच्ची कहानी

=============================== ...................दिनांक : 29 नवम्बर, 2000 ...................समय : 10.30 बजे सुबह ...................दिन : बुधवार ....................स्थान : आशीर्वाद होटल, बिस्टुपुर =============================== मेरी पहली और आखिरी मोहब्बत से यह मेरी पहली और आखिरी व्यक्तिगत मुलाकात थी। उससे मैं पिछले 6 वर्षों से एक तरफा मोहब्बत करता चला आ रहा था, यह जानने के बावजूद भी कि उसके दिल में मेरे लिए नफरतों का सैलाब भरा पड़ा है। वह मेरे जीवन में दिल कि धडकनों कि तरह समा चुकी थी, उससे मोहब्बत करके ही मैंने अपने जीवन को दुबारा जीना आरम्भ किया था। इस एक मुलाकात ने ही मेरी एक तरफा बेपनाह मोहब्बत की दिशा और दशा तय कर दी। 4 नवम्बर, 2000 (शनिवार) का दिन मेरे जीवन में भूचाल लेकर आया। यह दिन मेरे जीवन के लिए अप्रत्याशित और ऐतिहासिक रहा। मैं हर दिन की तरह ही NICT Computer में computer की classes ले रहा था तभी उसकी एक सहेली आई और मुझसे बोली की 'उसने आपको गुटखा खाने से मना किया है' यह सुनकर कुछ देर की लिए तो मैं विस्मित-सा हो गया और यह सोचने को विवश हो गया कि मेरी जि

जमशेदपुर डी एस पी आनंद कुजूर को बहुत बहुत बधाई !

टाटानगर ओवर ब्रिज के टेम्पू स्टैंड को हटाने के लिए जमशेदपुर डी एस पी आनंद कुजूर को पूरे जमशेदपुर वासियों की तरफ़ से बहुत बहुत बधाई। जहाँ तक रेलवे ओवर ब्रिज के ऊपर से किसी प्रकार का भरी वहां नहीं पार करने की बात डी एस पी साहब ने की है, में एक बात बताना चाहता हूँ चूँकि मैं रोजाना ही इस ओवर ब्रिज के ऊपर आना जाना करता हूँ, वहां पोस्टेड ट्राफिक पुलिस के लोग ही रोजाना दो, चार और दस रूपये लेकर सबके नज़रों के सामने ही भारी वाहनों को सुबह से लेकर शाम तक ओवर ब्रिज के इस पर से उस पर करातें रहतें हैं। वहां तैनात ट्रैफिक पुलिस के जवान ट्रैफिक को सँभालने का काम कम अपने पॉकेट को भरने का काम ज्यादा करतें हैं। उन्हें ट्रैफिक कंट्रोल से कोई मतलब ही नहीं है वे तो बस अपनी नज़रों को उपरी कमाई की और लगाने में जुटे रहतें हैं। मेरा डी एस पी आनंद कुजूर साहब से विनम्र आग्रह है की इन ट्रैफिक जवानों पर कड़ी से कड़ी करवाई करें जिनके चलते ट्रैफिक पुलिस का नाम बदनाम हो रहा है। श्री कुजूर साहब कृपया बिस्टुपुर के मैन रोड पर भी धयान देने का कष्ट करें ये मैन रोड तो आजकल सिर्फ़ स्टैंड बनकर रह गया है, हर कोई अपनी गाड़ी मै