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जून 23, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कल और आज

आज 21 जून, 2011 हैा बीता कल 20 जून, 2011 था। आज ही के दिन अर्थात 20 जून, 2006 को मैंने दुर्गापूर में सरकारी कर्मचारी के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था। एक सरकारी नौकरी जिसने मेरी जिंदगी ही पूरी तरह से बदल दी। क्‍या से क्‍या हो गया। 20 जून, 2006 से पहले के समय के बारे में कभी सोचता भी हूं तो सिहर जाता हॅूं। क्‍या जिंदगी थी। सुबह 09.15 से 05.45 तक की ड़यूटी फिर 6.15 के करीब घर वापस आकर तैयार होकर रात 08 बजे से 01.30 बजे की दूसरी ड़यूटी को जाना फिर लगभग 2 बजे के करीब घर वापस आना। 3 से 4 बजे के करीब सुबह में सोना फिर सुबह 8.30 बजे उठकर पहली ड़यूटी की तैयारी में लग जाना। कभी कभी तो दूसरी ड़यूटी सुबह 2 बजे के बाद ही खत्‍म होती। इतना भागदौड करने के बावजूद हाथों में महज 5500/- पांच हजार पांच सौ के करीब राशि का आना और इससे अपने छोटे से परिवार को चलाने के लिए गुत्‍थमगुत्‍थी करना। वक्‍त बदला, मेरी मेहनत से ज्‍यादा मेरी किस्‍मत का हाथ रहा इसमें। 20 जून, 2006 को जब मैंने एक सरकारी कार्मिक के रूप में अपना कार्यभार संभाला तो उस समय मेरे हाथों में लगभग सबकुछ काटने के बाद 5000/- की राशि मिलने लगी