सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

नवंबर, 2008 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मुंबई कल और आज

राज ठाकरे ने मुंबई में जो उथल पुथल मचाया और उसके बाद मुंबई पुलिस के द्वारा राहुल राज के कत्ल के बाद जो स्थिति मुंबई की हुई ये हमने कभी सोचा नहीं था। खुलेआम गुंडागर्दी खुलेआम कत्ल खुलेआम कानून का मजाक उडाना सब कुछ मुंबई ने पिछले दिनों देखा। निहत्थे लोगों पर सिर्फ़ राजनीति की दूकान चलाने के लिए जुल्म करना और आमची मुंबई का नारा बुलंद करना ये कहाँ का इंसाफ है। कभी दक्षिण भारत तो कभी उत्तर भारत के लोगों पर ठाकरे जैसे नेताओं ने जो जुल्म किये उसे हम सबने अपने अपने अंतरात्मा से महसूस किया। सिर्फ़ और सिर्फ़ राजनीति की रोटी सेकने के लिए कभी हिंदू मुस्लिम के बीच दंगे कराए जाते थे तो आज स्थिति इतनी बदल गयी है की क्षेत्रीय राजनीति के नाम पर एक नए आतंकवाद की पटकथा लिख दी है। उस वक्त जब राज ठाकरे के गुंडे क्षेत्रीय राजनीति के नाम पर उत्तर भारत के लोगों पर अत्याचार कर रहे थे, समूचा लोकतंत्र शर्मिंदा हो गया था तब किसीं ने यी नहीं कहा था कि ये ग़लत हो रहा है। मुंबई, जहाँ अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, लता मंगेशकर से लेकर सचिन तेंदुलकर तक बड़ी से बड़ी हस्तियां रहतीं हैं मगर किसी ने इस मामले में दखल देना मुनासिब

साइंटिस्ट तथा एडमिनिस्ट्रेशन का अदभुत मिलाप - सी एम् इ आर आई दुर्गापुर

वैज्ञानिक संस्थानों में हमेशा ही वैज्ञानिक तथा एडमिनिस्ट्रेशन में बहुत बड़ी दूरी बनी रहती है किंतु सी एम् इ आर आई दुर्गापुर में मैंने व्यक्तिगत स्तर पर ये महसूस किया है की यहाँ वो दूरी दूसरे संस्थानों की तरह इतनी गहरी नहीं थी। मेरे अपने 2.2 साल की अवधि में कई बार साइंटिस्ट और गैर - साइंटिस्ट (एडमिनिस्ट्रेशन) के बीच पनपे ऐसे अदभूत संगम को देखा और इस संगम के परिणामस्वरूप सफल हुए कई आयोजनों का मैं स्वयं गवाह भी बना। इसके कई उदहारण हैं जैसे कि : .................................Annual Sports 2006 .................................R egular and Pensioner के लिए वृहत स्तर पर आयोजित समारोह 2007 ................................. Annual Sports 2007 ..................................S SBMT ZONAL TOURNAMENT 2007 ..................................S olar Autorickshaw Project 2007 इतना ही नहीं जो भी समारोह अथवा सेमिनार आयोजित किए जाते उनमें एडमिनिस्ट्रेशन की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहती थी। सी एम् आर आई दुर्गापुर में मैंने साइंटिस्ट और गैर साइंटिस्ट (एडमिनिस्ट्रेशन) का मिलाप देखा है। दोनों की सहभागिता प्र

केंद्रीय यांत्रिक अभियांत्रिक अनुसन्धान संस्थान, दुर्गापुर और मैं

--------------------------------------------------------------------------------------------------- Dear Balu, We all miss you yaar .................... ------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------ संजीत कुमार तथा मनीष जी का शुक्रिया जो आप दोनों ने मेरे ब्लॉग पर कमेंट्स लिखा , इसी तरह सभी दोस्तों से मेरा अनुरोध है की कृपया करके आप भी अपने कमेंट्स जरुर से जरुर लिखें. ----------------------------------------------------------------- मेरा बचपन बंगाली माहौल में गुजरा। 1978 के बालपन से लेकर 2006 की जवानी तक मैंने बंगाली माहौल में सांसे ली. मेरा पहला प्यार भी एक बंगाली ही थी। मुझे बंगाल से जुड़ी हर एक चीज पसंद लगती थी। मैंने बंगाली बोलना सीखा। मेरी नौकरी जब दुर्गापुर में केंद्रीय यांत्रिक अभियांत्रिक अनुसन्धान संसथान में हुई तो मेरी खुशी का ठिकाना ही नही रहा। जिस बंगाली माहौल से मुझे एक सभ्य संस्कार की खुशबू आती थी, उसी माहौल में रहने, काम करने का मुझे सौभाग्य मिला था। मेरे लिए बंगाल