दुनिया अजीब है। कौन कब कहाँ आकर मिल जाए कोई सोच नहीं सकता। बीते हुए वक्त और आज के बीच में ख़ुद को एक नए दुनिया में देख रहा हूँ। कल भी मेरे पास सबकुछ होकर भी मैं तनहा था और आज भी मैं सबकुछ पाकर भी तनहा ही हूँ। खुश हूँ बहुत खुश हूँ जी रहा हूँ बस जिए जा रहा हूँ।
We are all INDIAN before a Hindu, Muslim, Sikh aur Isai or a Bihari, Marathi, Bengali etc. Love to all human being........