मंगलवार, 6 अप्रैल 2010

सानिया मिर्ज़ा और शोएब मल्लिक विवाद

सानिया और शोएब विवाद पर पिछले कई दिनों से जो हंगामा हो रहा है मुझे लगता है की वो बिलकुल ही ठीक नहीं है। मीडिया को इस तरह की खबरों को मुख्य खबर बनाकर पेश करने से बचना चाहिए। मैं व्यक्तिगत रूप से शोएब के मर्दानिगी पर दाद देना चाहूँगा जिसने ये जानते हुए भी कि हिन्दुस्तान में उसके साथ कुछ भी हो सकता है इसके बावजूद भी वो निडर होकर अकेला ही सानिया के पास चला आया। पाकिस्तान और हिंदुस्तान कि वाशिंदे शोएब के बारे में कुछ भी बोले मगर इसके इस साहसपूर्ण कार्य ने ना सिर्फ सानिया के दिल को बल्कि हर मोहब्बत करने वालों के दिल को जीत लिया है। एक पाकिस्तानी होकर वो भी हिन्दुस्तान में आकर अपने ऊपर लगे दागों को धोने और उस पर सफाई देने का जो साहस शोएब भाई ने किया है वो काबिले तारीफ है। मैं ये नहीं जनता कि शोएब कहाँ तक सच्चे हैं मगर सच तो येही है कि सच्चे लोग ही अपना सीना तान कर सबके सामने चलते है, जैसा कि शोएब भाई अभी तक करते आ रहें है। हमलोगों को सानिया और शोएब के शादी की ओर बड़ते पाक क़दमों को हिन्दुस्तान और पकिस्तान के बीच एक दोस्ताना रिश्ता मानना चाहिए और उनके इस कदम को अपना अपना समर्थन देना चाहिए.

1 टिप्पणी:

रोमेंद्र सागर ने कहा…

आपसे सहमत हूँ....! मुझे तो आयशा सिद्दीकी मानसिक तौर पर कुछ बीमार लग रही है ....फिर भी सच्चाई से मैं वाकिफ नहीं हूँ अत: ज्यादा कुछ कहना मुनासिब नहीं ...!