बुधवार, 17 फ़रवरी 2016

JNU men deshdroh sajish

जे.एन.यू जैसे विश्वविख्यात विश्वविदयालय में जो कुछ पिछले दिनों घटित हुआ वह घटनाक्रम वाकई सोचने को विवश करने वाला है। इसी विश्वविदयालय के कुछ छात्रों के समूह द्वारा पूरे देश को शर्मसार करने वाला वीडियो वायरल होने के बाद हम सभी यह सोचने को बाध्य हैं कि आखिरकार क्यों इनके द्वारा एक ऐसे आतंकी का महिमामंडन करते हुए न सिर्फ उसके लिए नारे लगाए गए बल्कि देशविरोधी नारे भी लगाए गए।

एक आतंकी के लिए इस तरह का प्रचार किया गया जैसे कि उसने देश की आजादी में अपने प्राण न्योछावर करते हुए शहादत पाई हो जबकि सच्चाई तो यही है कि देश के मंदिर कहे जाने वाले संसद पर आतंकवादी हमला करने में इस शख्‍स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। शिक्षा के मंदिर में अपना भविष्य संवारने के लिए आए कुछ छात्रों द्वारा जो इस तरह के अनैतिक कार्य किए गए इससे न सिर्फ हिन्दुस्तान में अपितु पूरे विश्वय में इस विश्वविदयालय की गरिमा तार-तार हुई है ।

पिछले दिनों सहिष्णुता के नाम पर पूरे हिन्दुस्तान में बवाल काटा गया जिसकी परिणिती में कई सारे जाने माने लोगों ने तो अपने-अपने अवार्ड तक सरकार को वापस किए तथा कईयों ने भारत सरकार पर कठोर कटाक्ष तक किए। आज जबकि हालात सामने हैं खुलेआम देश की राजधानी में न सिर्फ आतंकवादी को शहीद का दर्जा देते हुए उसके पक्ष में नारेबाजी करते हुए कितने अफजल मारोगे, हर घर से अफजल निकलेगा का नारा लगाया गया बल्कि 'पाकिस्तान जिंदाबाद, लडकर लेंगे आजादी, कश्मीर मांगे आजादी, भारत तेरे टुकडे होंगे, इंशाअल्लाह, इंशाअल्ला आदि । शिक्षा के मंदिर में इस तरह से खुलकर देशद्रोह का अपराध करते हुए जेएनयू के कई छात्रों का सरेआम अभिव्‍‍यक्ति की आजादी के नाम पर किया गया यह देशद्रोह जैसा अपराध किसी भी प्रकार से माफी के काबिल नही है। ऐसे छात्र किसी भी प्रकार से हमारे देश के भविष्‍य बिलकुल भी नहीं हो सकते।


मेरी जेएनयू विश्वसविदयालय के सभी बुदधजीवियों तथा देश के सभी राजनेताओं से नम्र अपील है कि वे सभी एक स्वर में देशद्रोहियों के प्रति किए जा रहे ठोस तथा सख्‍त कार्रवाई का समर्थन करें ताकि भविष्यि में हिन्दुतान की जमीन पर रहकर, यहीं का नमक खाकर कोई भी इस देश के प्रति गददारी, नमकहरामी करने से पहले सौ बार सोचे जिससे देश व देश के लोग संगठित तथा सुरक्षित रह सके।

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