आज मैं जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी के वेबसाइट के हिन्दी संस्करण के मुख्य पृष्ठhttp://www.jnu.ac.in/Hindi/ पर दिए गए कुछ अंश यहां प्रस्तुत कर रहा हूँ -
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"विश्वविद्यालय का उद्देश्य मानवता, सहनशीलता, तर्कशीलता, चिन्तन प्रक्रिया और सत्य की खोज की भावना को स्थापित करना होता है। इसका उद्देश्य मानव जाति को निरन्तर महत्तर लक्ष्य की ओर प्रेरित करना होता है। अगर विश्वविद्यालय अपना कर्तव्य ठीक से निभाएं तो यह देश और जनता के लिए अच्छा होगा।"
विश्वविद्यालय के उद्देश्य हैं : -
अध्ययन, अनुसंधान और अपने संगठित जीवन के उदाहरण और प्रभाव द्वारा ज्ञान का प्रसार तथा अभिवृद्धि करना। उन सिद्धान्तों के विकास के लिए प्रयास करना, जिनके लिए जवाहरलाल नेहरू ने जीवन-पर्यंत काम किया। जैसे - राष्ट्रीय एकता, सामाजिक न्याय, धर्म निरपेक्षता, जीवन की लोकतांत्रिक पद्धति, अन्तरराष्ट्रीय समझ और सामाजिक समस्याओं के प्रति वैज्ञानिक दॄष्टिकोण।
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मगर बेहद ही दुख के साथ कहना पड रहा है कि पिछले दिनों जे.एन.यू. के अंदर की देशद्रोह घटना की वीडियो कवरेज बाहर आने के बाद जब हमें यह पता चल रहा है कि यहां के न सिर्फ कुछ छात्र-छात्राएं देशद्रोही घटना में शामिल हैं बल्कि यहां के कुछ तथाकथित प्रोफेसर भी इसे अपना समर्थन दे रहे हैं, ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि जे.एन.यू. जब अपने उददेश्यों से इतना भटक चुका है तो क्यों न इस प्रकार के विश्वविदयालय को नेस्तनाबूद कर दिया जाए तथा अब समय की यही मांग है कि इसे पूरी तरह से सरकार के नियंत्रण में लेने की दिशा में आवश्यक कार्रवाई की जाए तथा देशद्रोहियों के प्रति सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
यह बेहद ही शर्म की बात है कि देश की राजधानी जिसे देश का दिल भ्ाी कहा जाता है वहीं के एक प्रसिद्ध विश्वविदयालय में इस तरह की खुलेआम घटना होती हो और दिल्ली पुलिस तक को इसके कैम्पस में घुसने के लिए काफी जददोजहद करनी पडती है वहीं दूसरी तरह हम आतंकी का पीछा करते हुए दूसरे देश की सीमा में घुसकर उसे मारने तक का दावा करते हैं।
राजनीतिक विरासत के लिए देशद्रोही गतिविधियों के प्रति इस तरीके से नरमी बरतना भविष्य के लिए अच्छा संकेत बिलकुल भी नहीं हैा कम से कम इस मुददे पर राजनीतिक रोटी सेकने की बजाए देश की एकता और अखंडता को ध्यान में रखते हुए सारे राजनैतिक दलों के आकाओं को एकजुटता दिखानी चाहिए।
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