रविवार, 13 अप्रैल 2014

अनाथ


माँ है अपनी

बाप भी है अपना

फिर भी अनाथ हूँ

अपनों के बीच रहकर भी

मैं खुद से ही निराश हूँ

माँ है अपनी

बाप भी है अपना

फिर भी अनाथ हूँ



बीवी है अपनी

बच्चा भी है अपना

फिर भी अनाथ हूँ

दिन के उजालों में भी

मैं अमावस की रात हूँ

माँ है अपनी

बाप भी है अपना

फिर भी अनाथ हूँ



तेरी यादें हैं अपनी

मेरा प्यार है अपना

फिर भी अनाथ हूँ

कल और आज के बीच

जैसे बीता हुआ कोई बात हूँ

माँ है अपनी

बाप भी है अपना

फिर भी अनाथ हूँ

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