जीवन के भाग दौड में
जब अस्त हो जाए सफर
पी लेना तू सब्र का प्याला
मत जाना प्यारे मधुशाला
मधुशाला है धैर्य विहीन संसार
जो पौरुष का नाश कर देता है
पुरुषार्थ जिससे विनाश हो जाता है
परमार्थ जिसका परित्याग कर देता है
मंजिल की राहों में जब
हर सफर थम जाए दो राहे पर आकर
पी लेना तू सब्र का प्याला
मत जाना प्यारे मधुशाला
मधुशाला के सोमरस में
डूबते ही तुम पाओगे
रिश्ते नातों की तकरार
कर्तव्य विहीन संसार
क्षणिक सुख की प्रत्याशा में
संसारिक दायित्यों को
भूलते ही तुम जाओगे
पी लेना तू सब्र का प्याला
मत जाना प्यारे मधुशाला
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