आतंक के साए में सांसे ले रहा हिन्दुस्तान आज त्रस्त है। हर तरफ आतंक और आतंक पसरा हुआ है। हर कोई आतंक के साये में सांसे ले रहा है। पहले तो हम दूसरे देशों से आये आतंकवादियों से संग्राम कर रहें थे, और आज हम अपने ही देश में पाले बढे यहाँ के विघटनकारी तत्वों अर्थात नक्सलवादिओं से लड़ भीड़ रहें हैं। दोनों और से हमारे ही लोग मर रहें हैं, और इसका खामियाजा पूरी तरह से हमें ही भुगतना पड़ रहा है।
कहीं सैनिक शहीद हो रहें हैं तो कहीं नक्सलवादी मर रहें हैं। एक भाई के हाथों दूसरा का खून तो हो ही रहा है। नक्सल को आन्दोलन का नाम देलेवालों को इस पर सोचना चाहिए। एक तरफ वो अपने आपको गरीबों के आन्दोलन का हिस्सा मानती है तो दूसरी तरफ उनके द्वारा इसी देश के लोगों की निर्मम हत्याएं की जाती हैं। एक तरफ वो सरकार को जमीं, शिक्षा और गरीबी में मुद्दे पर कटघरे में हमेशा ही खड़ा करती है तो दूसरी तरफ उनके द्वारा गावों कस्बों के विद्यालय भवनों को महज़ इसलिए नेस्तनाबूत कर दिया जाता है कि वहां उनके खात्मे के लिए सैनिकों को पानाह दिया जाता है। ये क्या है? एक विद्यालय जहाँ ना जाने कितने अशिक्षित लोग शिक्षित हो सकते है उसे बस एक धमाके में ध्वस्त कर देना कहाँ तक उचित है?
We are all INDIAN before a Hindu, Muslim, Sikh aur Isai or a Bihari, Marathi, Bengali etc. Love to all human being........
मंगलवार, 13 अप्रैल 2010
मंगलवार, 6 अप्रैल 2010
सानिया मिर्ज़ा और शोएब मल्लिक विवाद
सानिया और शोएब विवाद पर पिछले कई दिनों से जो हंगामा हो रहा है मुझे लगता है की वो बिलकुल ही ठीक नहीं है। मीडिया को इस तरह की खबरों को मुख्य खबर बनाकर पेश करने से बचना चाहिए। मैं व्यक्तिगत रूप से शोएब के मर्दानिगी पर दाद देना चाहूँगा जिसने ये जानते हुए भी कि हिन्दुस्तान में उसके साथ कुछ भी हो सकता है इसके बावजूद भी वो निडर होकर अकेला ही सानिया के पास चला आया। पाकिस्तान और हिंदुस्तान कि वाशिंदे शोएब के बारे में कुछ भी बोले मगर इसके इस साहसपूर्ण कार्य ने ना सिर्फ सानिया के दिल को बल्कि हर मोहब्बत करने वालों के दिल को जीत लिया है। एक पाकिस्तानी होकर वो भी हिन्दुस्तान में आकर अपने ऊपर लगे दागों को धोने और उस पर सफाई देने का जो साहस शोएब भाई ने किया है वो काबिले तारीफ है। मैं ये नहीं जनता कि शोएब कहाँ तक सच्चे हैं मगर सच तो येही है कि सच्चे लोग ही अपना सीना तान कर सबके सामने चलते है, जैसा कि शोएब भाई अभी तक करते आ रहें है। हमलोगों को सानिया और शोएब के शादी की ओर बड़ते पाक क़दमों को हिन्दुस्तान और पकिस्तान के बीच एक दोस्ताना रिश्ता मानना चाहिए और उनके इस कदम को अपना अपना समर्थन देना चाहिए.
सदस्यता लें
संदेश (Atom)