शनिवार, 29 मई 2010

नक्सलवाद नहीं आतंकवाद

विगत कई महीनों से नक्सल वादियों द्वारा किये जा रहे आतंककारी क़दमों ने समूचे हिन्दुस्तान को हिला कर रख दिया है। चाहे वो छत्तीसगढ़ में CRPF पर किया गया हमला हो या फिर झारग्राम में पिछले कई दिनों से ट्रेनों पर किये जा रहे हमले हों, इन सब को देखते हुए वर्तमान परिदृश्य में नक्सली को आतंकवादी कहना गलत नहीं होगा।
नक्सल वादियों ने अपने कृकृत्य से अपने आप को हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा दुश्मन बना लिया है। हालात तो ऐसे हैं कि आज हमे पकिस्तान और आतंकवादियों से भी कई गुना खतरा अपने ही मुल्क के अपने ही लोग नक्सलवादियों से है।
अब तो जरुरत है श्रीलंका के द्वारा अपने मुल्क के अन्दर आतंक कारी गतिविधियों के खाते का अनुसरण करने की। पानी अब सर के ऊपर जा चूका है और हमे अब जरुरत है अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने की।
अब नक्सल आन्दोलन पर पूरी तरह नकेल कसने की जरुरत है इसके लिए हमें अपने आर्मी, नेवी और एयर फौर्स को इसकी जिम्मेदारी दे देनी चाहिए।

रविवार, 9 मई 2010

गोलमुरी थाना और अपनों को बहुत-बहुत धन्यवाद.

मेरी हीरो होंडा motorcycle जो कि 20 अप्रैल 2010 को रात के लगभग 08.30 से 9 बजे के बीच tinplate Reliance फ्रेश के सामने से चोरी हो गयी थी उसे 6 मई 2010 को गोलमुरी थाना द्वारा recover कर लिया गया और इस चोरी में शरीक चोर को हवालात भेज दिया गया। इसके लिए मैं अंतर मन से गोलमुरी थाना और प्रशासन से जुड़े सभी अधिकारीयों और कार्मिको का धन्यवाद देता हूँ। मेरे उपर्युक्त गाड़ी चोरी के सन्दर्भ में गोलमुरी थाना द्वारा उठाये गए क़दमों का मैं शुक्रिया अदा करता हूँ। इस मामले में मैं विशेषकर गोलमुरी थाना में तैनात और मेरे मामले के जाँच अधिकारी श्री K P Singh जी का आतंरिक रूप से आभार प्रकट करता इसके साथ साथ पूरे गोलमुरी थाना के स्टाफ सदस्यों के प्रति भी मैं अपना आभार प्रकट करता हूँ।

मैं उन सभी दोस्तों, परिवार के सदस्यों, सहकर्मियों के प्रति अपना आभार प्रकट करता हूँ जिन्होंने मेरे इस दुःख भरे समयमें अपना शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से मुझे सहयोग दिया या देने की कोशिश की।

अंत में मैं माननीय विधायक श्री Banna Gupta Jee के प्रति अपना तहे दिल से आभार प्रकट करता हूँ जिन्होंने मेरे मामले में अपनी रुचि दिखाई और हरसंभव प्रयास किया साथ ही एक बड़े भाई सा स्नेह मुझे दिया, मैं आशा करता हूँ कि भविष्य में भी मुझे उनका स्नेह अनवरत मिलता रहेगा।

मेरी किस्मत और हमदर्दों का साथ

आज काफी दिनों के बाद समय निकालकर अपने ब्लॉग पर कुच्छ लिखने बैठा हूँ। पिछले महीने मेरे जीवन में काफी उतार चड़ाव आये। मैं २० अप्रैल २०१० का दिन कभी भी भूल नहीं सकता। एक तरफ ख़ुशी और दूसरी तरफ गम। दोनों का तालमेल एक साथ एक दिन वो दिन था २० अप्रैल २०१०। दोपहर के ३ बजे के करीब मुझे LTC अग्रिम का पैसा ऑफिस से मिला और मैंने तुरंत ही इन्टरनेट से IRCTC द्वारा टाटानगर से जम्मू जाने और वापस आने के लिए ट्रेन का ticket कटा लिया। ticket को देखने पर मैंने ये पाया कि सारी की सारी ticket उपर बर्थ की थी। तुरंत मैंने उस ticket को कैंसल कराया और पैसे लेकर टाटानगर रेलवे स्टेशन चला गया और वहां से ticket का reservation कराया। मेरे अनुरोध पर मुझे जाने और वापस आने के ticket में एक ticket lower बर्थ का मिल गया। मेरे जम्मू जाने की जानकारी मैंने अपने माँ के घर जाकर माँ और छोटे भाई को दिया और फिर अपनी बहन के ससुराल जाकर अपनी बहन को दिया और फिर अपने घर गोलमुरी वापस आते समय लाल बिल्डिंग स्थित मोटर मेकानिक को अपनी हीरो होंडा के key को बदलने के लिए आने वाले शनिवार को उसके पास आने की बात कही और वापस अपने घर करीब 7.30 बजे आ गया। घर आकर मैं फ्रेश होकर सब्जी लाने के लिए निकलने ही वाला था कि मेरी पत्नी ने मुझसे कहा कि वो भी मेरे साथ बाजार जाना चाहती है। मेरे हाँ कहने के बाद वो भी मेरे बेटे के साथ तैयार हो गयी। करीब 08.30 बजे मैं अपने परिवार के साथ ख़ुशी पूर्वक मेरी घर गोलमुरी के कुछ दूरी पर स्थित tinplate के reliance फ्रेश में सब्जी लेने गया। मैंने अपनी हीरो होंडा motorcycle JH05C 0498 को reliance फ्रेश के सामने लगाया और handel lock करके अन्दर चला गया। मैं अक्सर ही सब्जी आदि लेने के लिए यहाँ कभी अकेले तो कभी अपने बेटे के साथ आया करता था। आज पहली बार मैं अपनी पत्नी के साथ यहाँ सामान लेने आया था।
करीब आधे घंटे अन्दर रहने के बाद सामान खरीदकर जब रात के करीब 9 बजे मैं बाहर निकला तो उस स्थान पर अपनी गाड़ी को नहीं पाकर मैं सन्न रह गया। मैं बेतहासा इधर से उधर दौड़ रहा है और मुख्या सड़क के दोनों और अपनी गाड़ी को खोज रहा था। मेरी पत्नी और मेरे बेटे का तो मुझसे भी बुरा हाल था। वो दोनों पसीने से तर बतर हो गयी थे। तभी वहां भीड़ जमा हो गयी और वे लोग मुझे तुरंत ही गोलमुरी थाना जाकर गाड़ी चोरी होने की बात बतलाने को कह रहे थे। मैं तुरंत ही एक ऑटो को रुकवाकर उसपर अपने परिवार के साथ बैठकर गोलमुरी थाना रात के करीब सवा 9 बजे पहुंचा। मेरा थाना पहुँचाना था कि मुझे वहां बैठे एक अधिकारी नें तुरंत ही अपनी गाड़ी नंबर बताने को कहा और मेरे परिवार को कुर्सी पर बैठने को कहा। करीब 9.20 बजे ही मेरी गाड़ी के चोरी होने सम्बन्धी सूचना वायरलेस द्वारा पूरे जमशेदपुर में फैला दी गयी और फिर इसके बाद उस अफसर ने स्वयं इससे सम्बंधित FIR के लिए मुझे application लिखने लगे। कुछ देर बाद ही उन्होंने कहा कि FIR के लिए आपकी गाड़ी का Engine नंबर और चेसिस नंबर की जरुरत है इसलिए आप कृपया कर के गाड़ी का honor बुक लेकर आइये।
मैं तुरंत ही अपने परिवार के साथ ऑटो में बैठकर अपने घर गोलमुरी आया और गाड़ी से सम्बंधित सभी कागज़ लाकर अपने ऑफिस में काम करने वाले संतोष राय के साथ उसकी गाड़ी में बैठकर गोलमुरी थाना पहुंचा। मेरे थाना पहुँचते ही मुझे ये जानकारी दी गयी कि आपकी गाड़ी नंबर से मिलती एक गाड़ी mango में पकड़ी गयी है। उस अधिकारी ने, जो मुझे FIR लिखा रहे थे, मुझे अपनी गाड़ी के पीछे आने को कहा और फिर वे mango के लिए निकल गए। मैं संतोष राय की गाड़ी के पीछे बैठा हुआ था और हमलोग उस अधिकारी को follow कर रहे थे। रात के 10.30 बज चुके थे और हमलोग mango पुल के पास पहुंचे वहां कोई गाड़ी नहीं पकड़ी गयी थी फिर हमलोग mango थाना पहुंचे वहां भी यही हाल था। फिर उस अधिकारी ने गोलमुरी थाना फ़ोन करके लोकेशन के बारे में पूछा और हमें बताया कि गाड़ी mango के चेपा पुल के पास पकड़ी गयी है। फिर हमलोग mango चेपा पुल के लिए निकल गए। इसी बीच मैं इश्वर से अपनी गाड़ी के बरामदगी के लिए दुआ कर रहा था। mango चेपा पुल पहुँचाने पर मैंने देखा कि एक गाड़ी रोक कर रखी हुई है मगर वो मेरी गाड़ी नहीं थी। उसका भी गाड़ी नंबर 0498 ही था मगर उसका रंग और series अलग था वो गाड़ी JH05T series की थी। रात के ११.30 बज चुके थे। हमलोग वापस आने लगे तो उस अधिकारी ने कहा कि आपलोग सीधे थाना जाएँ और FIR जरुर दर्ज कराएँ मैं अपने घर जा रहा हूँ। रात के करीब 12 बजे हम दोनों थाना पहुंचे तो वहां मैंने अपने पडोसी श्री बिपिन बिहारी राय के बड़े बेटे पंकज को वह पाया। थाना पहुँचने पर मुझे FIR लिखवाया गया और फिर हमलोग रात के करीब 12.30 बजे वापस अपने घर गोलमुरी आ गए।